१३.
वर्षाक बुन्द
धरतीक गर्भ सँ
उगल पौध ।
१४.
धानक फूल
बसमतिया आरि
खुश किसान ।
१५.
मेंहदी पात
हरिएर कञ्चन
हाथ मे लाल ।
१६.
मधुश्रावणी
अनुपम शृङ्गार
विदेश पिया ।
विनित ठाकुर
मिथिला बिहारी नगरपालिका
मिथिलेश्वर मौवाही – ३
धनुषा, प्रदेश नं. – २
मिथिलाक्षर (तिरहुता) दुनु लिपिमे प्रकाशित कृति ‘वसुन्धरा’ हाइकु सङ्ग्रह सँ साभार ।