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सोना स सजल नगरी (कविता)


पण्डित बलशाली महादेवक नगरी
जिनकर छल सोना स सजल नगरी
लङ्केश्वर पति रावणके कहब कि
बिना रावणके श्रीरामक अस्तित्व कि

शूपर्णखाके छल रावण सन भाइ
बहिन लेल हरलक सीता सन माइ
दुष्ट रावणमे छल अपूर्व अच्छाइ
पवित्र सीता जे देलैन रामके लोटाइ

जाय रावण ताय रामक अवतार
रावण दहन स कोना ओता भगवान
हरल शत्रु स्त्रीक राखल सेहो ध्यान
गर्भवती पत्नीके राम देलक वनबास

जखन रावणके छल अन्तिम क्षण
ज्ञान लेब लाय राम पठोलक लक्षुमण
परिचित जगह अपन जन्म धाम
प्रभुके हाथ स निकलल रावणके प्राण

सुधा मिश्र
जनकपुरधाम – ४
प्रदेश नं. २, धनुषा

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