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कलयुगके राम (मैथिली गजल)

GajendraGajur


कलयुगके राम बेमार भऽ गेलै,
तें रावणक स्वप्न साकार भऽ गेलै

रामक राजमे सत्ता छै खखरी,
तें तऽ सिया धीया लाचार भऽ गेलै

जननिक दूध पर भारी छै माहुर,
तें कमजोर सभहक संस्कार भऽ गेलै

लुकझुक करैत छल मानवताक डिबिया,
मुदा रऽसे-रऽसे सगरो अन्हार भऽ गेलै

बुझू गजुर अहां नारिक परिभाषा,
नतमस्तक शक्ति लए संसार भऽ गेलै

गजेन्द्र गजुर
हनुमान नगर-२
हाल – लहान
रेडियो सौगात ८८१

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