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चलि आउ प्रीतम मधुश्रावणीमे (कविता)


कानि कानि हम लिखैत चिठी छी
चलि आउ प्रीतम मधुश्रावणीमे

नहि पुजबै पावनि ज आहा नहि एबै
छोडिक पावनि प्रीतम बैँस जेबै
पंचमीमे एलखिन बालम सभहक
कोना मस्त सुतल बौरहबा हमर

लौकाके लकब देखु ठन्काके ठन्कब
कोनाक कहु धडकनके धडकब
दादुर रिझबैय पपीहा गबैय
आहा बिनु हमर कोबर तरसैय

मधुमास छायल छै बहकल राग छै
सजल अहि स हमर सोर्हो शृगार छै
पहिर लेलौ लेहगा ओढादीय चुनर
आहाके देखब स बन्हि सुनर :

सुधा मिश्र
जनकपुरधाम – ४
प्रदेश नं. २, धनुषा

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