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चारिटा मैथिली हाइकु – ३ (नभ मे उर्जा)

20191005_BinitThakur-Haiku


९.
नभ मे उर्जा
सुरुजक लाली सँ
धरती स्वर्ग ।।

१०.
वर्षाक वाद
इन्द्रधनुषी रुप
धन्य प्रकृति ।

११.
बथुवा साग
जमाइनक छौँक
स्वाद भरल ।

१२.
पाँखि पसारि
बहार भेल चुट्टी
चिल्ह के भोज ।

मिथिलाक्षर (तिरहुता) दुनु लिपिमे प्रकाशित कृति ‘वसुन्धरा’ हाइकु सङ्ग्रह सँ साभार

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