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अवधी भाषा

अपकी चुनाव मे (अवधी )

अजमाइहैं सब आपन आपन हथकण्ड ,अपकी चुनाव मे
चली फिरसे लाठी और डंडा , अपकी चुनाव मे

केहू खरिदी वोट तो केहू देखाई धौस ,
जाने केतना पुजैहैं पंडित और पंडा,अपकी चुनाव मे

कुटिया कै लक्ष्मी पुजा (अवधी कविता)

सबकेहू लक्ष्मी माई कै अगुवानी मे लगा है |
हर गवाँ चौराहा पे माई कै मुर्ति खुब सजा है |

होइ सबकुछ मंगल अव सुख कय होइंहै बौछार
सब कै हृदय मे इहय अभिलास आव विश्वास भरा है ।

मननीय (अवधी)

देश कय अवस्था एकदम दयनीय होइगय
कल कय गुन्डा जब से मननीय होइगय

पढाल लिखल देखो सब भैँस चरवय
अव बिन पढ़ा सब कै सम्मनीय होइगय
जीवन भर अपराध किहिस जउन
आज उहय सबसे पुजनीय होइगय