मैथिली भाषा
काठमाण्डूक छठि
नेपाल आ भारतक उत्तर क्षेत्रमे हिन्दूसभद्वारा मनाओल जाएवला छठि पावनि आव नेपालक राष्ट्रिय पर्व भऽगेल अछि । ई महान पावनि नेपालक पहाड़ी क्षेत्र, उपत्यका आओर विभिन्न शहर सभमे निक आस्था, निष्ठा आ धुमधामके संग मनाओल जाइत अछि । एहि पर्वमे भगवान सूर्य देव, पौराणिक षष्ठी माता भगवती, पौराणिक वेदक देवी उषा आ प्रत्युषा (सूर्य देवक कनियाँ)क पूजा कएल जाइत अछि ।
बाल्यकाल
छलैह एकटा जमाना,
खुशीक नहि कुनू ठिगाना,
चन्दामामा तर जेबाक चाहना,
मुदा टाँट पर बैसल टिकुलीक दिवाना,
आहा, बाल्यकाल बहुत सुहाना ।१।
कर्चीक छडि बनाना,
मास्टरजीक टेस्ट अपने पर करबाना,
पाटी पर कारिख लगाना,
पत्थरखडी सँ कख–कबिरकान लिखना,
पढाईसँ बेसी खेलकूदक दिवाना ,
आहा, बाल्यकाल बहुत सुहाना ।२।
गोरहा खेतमे महिस चराना,
जलखोइ–कलौह भैंसबारेसंगैह खाना,
गुल्ली–डन्डी खुब खेलना,
चौपायाक ओगरबाहीमें मन लगाना,
इस्कुल जेबाक नहि चाहना,
आहा , बाल्यकाल बहुत सुहाना ।३।
पठरु, बच्छरुसंग खेलना,
आनक खेतसँ धान नोइचके लाना,
अगहायत धरि खुआबैत रहना,
कूदफान खुब करना,
टिसन नहि जेबाक अनेक बहाना,