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चारिटा मैथिली हाइकु – २३ (मुदुस्सा चिडै)

20200904_BinitThakur-Haiku


८९.
मुदुस्सा चिडै
दिन भरि आन्हर
साँझ मे तेज ।

९०.
बकुला ध्यान
नदी के किनार मे
हेले बुआरी ।

९१.
डोकहर के
लग मे गहुमन
उगले विष ।

९२.
चिल्हक पंजा
परल रहु पर
छुटल प्राण ।

विनीत ठाकुर
मिथिला बिहारी नगरपालिका
मिथिलेश्वर मौवाही – ३
धनुषा, प्रदेश नं. – २

मिथिलाक्षर (तिरहुता) आ देवनागरी दुनु लिपिमे प्रकाशित कृति ‘वसुन्धरा’ हाइकु संग्रह सँ साभार :

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