८१.
अपन रंग
बदले गिरगिट
मौसम संग ।
८२.
अँरिया खस्सी
देवीजी मन्दिर मे
चढ़ल भोग ।
८३.
वर्षा ऋतु मे
भीजल धरातल
थाल आ कादो ।
८४.
कारी बादल
बनि कऽ हिमकण
वर्षे पाथर ।
विनीत ठाकुर
मिथिला बिहारी नगरपालिका
मिथिलेश्वर मौवाही – ३
धनुषा, प्रदेश नं. – २
मिथिलाक्षर (तिरहुता) दुनु लिपिमे प्रकाशित कृति ‘वसुन्धरा’ हाइकु संग्रह सँ साभार :