गुलाफ टिप्न बगैंचामा छेकवार वाल रैछ
तिम्लाई भेट्न महलमा छेकवार वाल रैछ।।१।।
मन मिल्छ कुरा सबै तर पनि कस्तो हो खै
मिलन हुन रोकावट छेकवार वाल रैछ।।२।।
म कृष्ण काले उनी राधा सँगै खेल्नलाई
भेट्नै नहुने समाजमा छेकवार वाल रैछ।।३।।
म बाँच्दिन उनी बिना उन्लाई नि त्यस्तै भाछ
छुत अछुत काला प्रथा छेक वार वाल रैछ।।४।।
हे ईश्वर जोडी बनाउ हाम्रै अर्को जुनीमा है
मिल्न नदिने यो जुनीमा छेकवार वाल रैछ।।५।।